खालिस्तान के नाम पर पाकिस्तानियों से डलवाया वोट, फिर भी यूं टांय-टांय फिस हुई SFJ की साजिश
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खालिस्तान के नाम पर पाकिस्तानियों से डलवाया वोट, फिर भी यूं टांय-टांय फिस हुई SFJ की साजिश

खालिस्तान के नाम पर पाकिस्तानियों से डलवाया वोट

खालिस्तान के नाम पर पाकिस्तानियों से डलवाया वोट, फिर भी यूं टांय-टांय फिस हुई SFJ की साजिश

पंजाब को भारत से अलग कर अलग देश बनाने के लिए खालिस्तानियों की ओर से रविवार को लंदन में कराया गया जनमत संग्रह (रेफरेंडम) बुरी तरह से फ्लाप साबित हुआ है। जनमत संग्रह में कुल दो हजार वोट भी नहीं पड़े और अधिकांश मतदाताओं को पाकिस्तान का समर्थन का प्रार्त था। इस जनमत संग्रह का आयोजन अमेरिका स्थित स्थित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की ओर से किया गया था, जो कि भारत में प्रतिबंधित संगठन है। 

जनमत संग्रह के आधार पर यह फैसला किया जाना था पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान बनाया जाए या नहीं। ब्रिटेन पर नजर रखने वाले लोगों के मुताबिक जनमत संग्रह के लिए 2000 से भी कम वोट पड़े।वोटिंग के दौरान शुरुआती घंटो में मात्र 100-150 लोग ही जमा हुए। 

मतदान करने के लिए बनाया गया था दबाव

ब्रिटेन पर नजर रखने वालों ने कहा कि खालिस्तान आंदोलन से जुड़े विभिन्न संगठनों जैसे फेडरेशन ऑफ सिख संगठन (एफएसओ) और विश्व सिख संसद (डब्ल्यूएसपी) ने अपने कार्यकर्ताओं पर आने और मतदान करने के लिए दबाव भी डाला था। आयोजकों ने यूके के विभिन्न हिस्सों से लोगों को लाने के लिए बसों के इंतजाम भी किए थे, इसके बाद भी वोटिंग पुरी तरह से फ्लाप साबित हुई है।

खुद से 50 लोग भी नहीं पहुंचे

यूके पर नजर रखने वालों ने आगे कहा कि केवल 53 बसें ऐसी थी जो विभिन्न हिस्सों से लोगों को लेकर मतदान केंद्र तक पहुंची थी। मध्य लंदन में स्थित वेस्टमिंस्टर में यह मतदान था। उन्होंने कहा कि अपने निजी वाहनों से पहुंचने वालों की संख्या 50 से भी कम थी। 

18 साल से ऊपर के सभी लोगों को बुलाया गया था

लंदन में भारतीय राजनयिकों ने कहा कि इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि जनमत संग्रह के लिए आने वाले व्यक्ति सिख, पाकिस्तानी या अफगानी थे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के कवरेज से यह भी पता चलता है कि एक ही समूह के लोगों को बार-बार मतदान करने के लिए लाया गया था। एसएफजे ने जनमत संग्रह में 18 साल से ऊपर के सभी सिखों को वोट देने के लिए बुलाया था।